दुनिया के सबसे ताकतवर स्टारशिप व्हीकल का दूसरा टेस्ट भी फेल हो गया। इसे भारतीय समयानुसार शनिवार शाम करीब 6:30 बजे लॉन्च किया गया था। यह मिशन 1:30 घंटे का था। स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट और सुपर हैवी रॉकेट को कलेक्टिवली 'स्टारशिप' कहा जाता है।
दुनिया के सबसे ताकतवर स्टारशिप व्हीकल का दूसरा टेस्ट भी फेल हो गया। इसे भारतीय समयानुसार शनिवार शाम करीब 6:30 बजे लॉन्च किया गया था। यह मिशन 1:30 घंटे का था। स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट और सुपर हैवी रॉकेट को कलेक्टिवली 'स्टारशिप' कहा जाता है।
टाइम्स ऑफ डेजर्ट
लॉन्चिंग के करीब 2.4 मिनट बाद सुपर हैवी बूस्टर और स्टारशिप का सेपरेशन हुआ। बूस्टर को वापस पृथ्वी पर लैंड होना था, लेकिन 3.2 मिनट बाद 90 Km ऊपर यह फट गया।
वहीं स्टारशिप तय प्लान के अनुसार आगे बढ़ गया। करीब 8 मिनट बाद पृथ्वी से 148 Km ऊपर स्टारशिप में भी खराबी आ गई, जिस कारण उसे नष्ट करना पड़ा।
फ्लाइट टर्मिनेशन सिस्टम के जरिए इसे नष्ट किया गया । फ्लाइट टर्मिनेशन सिस्टम रॉकेट में लगा एक स्टैंडर्ड सेफ्टी फीचर है। कोई समस्या आने पर यह व्हीकल को नष्ट कर देता है।
कंपनी ने स्पेसएक्स की टीम को बधाई दी
लॉन्च के बाद स्पेसएक्स ने X पर लिखा- 'स्टारशिप की दूसरे एक्साइटिंग फ्लाइट टेस्ट के लिए पूरी स्पेसएक्स टीम को बधाई! सुपर हेवी बूस्टर पर लगे 33 रैप्टर इंजनों की पावर से स्टारशिप ने सफलतापूर्वक उड़ान भरी और स्टेज सेपरेशन को पार किया।'
इंजन शटडाउन के पहले या बाद में खराबी आई थी
कंपनी के मालिक एलन मस्क ने भी स्पेसएक्स की टीम को इस लॉन्च के लिए बधाई दी। मस्क ने बताया कि स्टारशिप का परफॉर्मेंस ज्यादातर अच्छा रहा, लेकिन इंजन शटडाउन से ठीक पहले या बाद में इसमें कुछ खराबी आई थी।
मस्क ने ये भी बताया कि रॉकेट और स्टारशिप को अलग करने के लिए पहली बार हॉट स्टैगिंग प्रोसेस का इस्तेमाल किया गया था, जो पूरी तरह सक्सेसफुल रही। सभी 33 रैप्टर इंजनों ने भी लॉन्च से सेपरेशन तक ठीक से फायर किया।
प्लान के अनुसार इस तरह होनी थी टेस्टिंग...
स्टारशिप क्या-क्या कर सकता है?
स्टारशिप इंसानों को मंगल पर पहुंचाएगा
ये लॉन्चिंग इसलिए अहम है, क्योंकि ये स्पेसशिप ही इंसानों को इंटरप्लेनेटरी बनाएगा। यानी इसकी मदद से पहली बार कोई इंसान पृथ्वी के अलावा किसी दूसरे ग्रह पर कदम रखेगा। मस्क 2029 तक इंसानों को मंगल ग्रह पर पहुंचाकर वहां कॉलोनी बसाना चाहते हैं। स्पेसशिप इंसानों को दुनिया के किसी भी कोने में एक घंटे से कम समय में पहुंचाने में भी सक्षम होगा।
मंगल ग्रह पर कॉलोनी बसाने की क्या जरूरत?
मंगल ग्रह पर कॉलोनी बसाने की जरूरत पर एलन मस्क कहते हैं- 'पृथ्वी पर एक लाइफ एंडिंग इवेंट मानवता के अंत का कारण बन सकता है, लेकिन अगर हम मंगल ग्रह पर अपना बेस बना लेंगे तो मानवता वहां जीवित रह सकती है।' करोड़ों साल पहले पृथ्वी पर डायनासोर का भी अंत एक लाइफ एंडिंग इवेंट के कारण ही हुआ था। वहीं, प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंग ने भी 2017 में कहा था कि अगर इंसानों को सर्वाइव करना है तो उन्हें 100 साल के भीतर विस्तार करना होगा।
मस्क का जापानी अरबपति से मून ट्रिप का वादा
स्टारशिप का सबसे बड़ा टारगेट इंसानों को मंगल ग्रह पर पहुंचाना है। इसके अलावा इंसानों को चंद्रमा पर पहुंचाने के नासा के मिशन में भी स्टारशिप लैंडर का काम करेगा। मस्क का प्लान स्टारशिप का इस्तेमाल स्पेस टूरिज्म के लिए करना भी है। मस्क ने एक जापानी अरबपति युसाकु मेजवा से चंद्रमा के चारों ओर घुमाने का वादा किया है।
स्टारशिप एक रीयूजेबल ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम है, इसके जरिए इंसान मंगल ग्रह पर जाएंगे।
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