शिक्षा के विस्तार का दंश भोगते चार गांवो के ग्रामीण उच्च शिक्षा की कमी से नही बन पाया गांव का कोई व्यक्ति सरकारी कार्मिक संवाददाता कानु सोलंकी सिवाना। उपखण्ड क्षेत्र के कुशीप ग्राम पंचायत के ढाई हजार की आबादी वाले राजस्व गांव रामदेव नगर व खेड़ा खिन्दावड्डा सहित आस पास की आधा दर्जन ढाणियों के ग्रामीण आजादी के बाद से शिक्षा के विस्तार का दंश भोग रहे हैं। जिसके चलते उक्त गांवो की सेकड़ो बेटे बेटियो को उच्च शिक्षा से वंचित रहने पर मजबूर होना पड़ रहा है। उक्त दोनों गांवो में गत पांच दशकों से एक प्राथमिक विद्यालय व दो उच्च प्राथमिक विद्यालय स्थित है। उक्त तीनो विद्यालयो में वर्तमान में 400 का नामांकन है। आधी से ज्यादा संख्या बेटियों की है। आजादी के बाद से ग्रामीणों द्वारा लगातार समय समय पर विद्यालय को माध्यमिक या उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत करवाने की मांग चुनिदा जनप्रतिनिधियों से की साथ ही शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों से मांग की लेकिन आज दिन तक कोई कार्यवाही नही हो पाई है। जिससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। उक्त दोनों गांवो से आठ किमी दूरस्थ गांवो में उच्च माध्यमिक विद्यालय होने के कारण ज्यादातर छात्र छात्राए आगे की पढ़ाई बीच में छोड़ने पर विवश है। रामदेव नगर में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यायल सहित एक किमी दूर राजस्व गांव खेड़ा खिन्दावड्डा, तीन किमी दूर साईजी की बेरी में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय व नागणेशी फांटा पर प्राथमिक विद्यालय ही है। तथा आधा दर्जन ढाणीया है। यदि राउप्रावि निबली नाड़ी रामदेव नगर में उच्च माध्यमिक विद्यालय खुल जाता है तो उक्त दोनों गांवो व ढाणीयो के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग 400 छात्र छात्राओं को उच्च शिक्षा के नही भटकना पड़ता तथा कई बेटे बेटियों को बीच में पढ़ाई नही छोड़नी पड़ती। लेकिन विडम्बना यह है कि चार गांवो के सेकड़ो बच्चो का वर्षो से भविष्य दाव पर लगा होने व ग्रामीणों की पुरजोर मांग के बावजूद जनप्रतिनिधियों व शिक्षा विभाग के अधिकारियों की नींद नहीं उड़ रही हैं। बारहवीं पास गिनती के, इक्का दुक्का ही सरकारी कार्मिक: दशकों से उक्त गांव में उच्च माध्यमिक विद्यालय नही होने के कारण बारहवीं पास गिनती के शिक्षित लोग नजर आते हैं। जबकि महिला एक भी नही है। तथा आज दिन तक उक्त गांवो का कोई युवा युवतियां आगे नही पढ़ पाने से इक्का दुक्का ही शिक्षक चपरासी तक बन पाए है। इनका कहना है: "आजादी के बाद से ढाई हजार की आबादी वाले दोनों गांवो में बारहवीं तक विद्यालय क्रमोन्नत नही होने के कारण गांव की भावी पीढ़ी दशकों से पिछड़ती जा रही है। विडम्बना यह है कि दसवीं व बारहवीं के शिक्षित गांव में गिनती के ही नजर आते हैं। गांव की बेटियों को तो आठवी तक कि ही शिक्षा नसीब हो रही है। ज्यादातर गांव में पिछड़े व गरीब वर्ग के लोग होने के कारण दूरस्थ जगहों पर नही पढ़ा पाते हैं। - दीपाराम भील वार्डपंच "पचास साल से लगातार राउप्रावि निम्बली नाड़ी रामदेव नगर को माध्यमिक या उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत करवाने की मांग जनप्रतिनिधियों विभागीय अधिकारियों से समय समय पर करते आ रहे हैं। लेकिन कोई सुनता ही नही है। विडम्बना यह है कि लम्बे समय से उच्च शिक्षा की कमी के कारण स्थिति यह हो गई है कि उक्त गांवो का इक्का दुक्का ही ग्रामीण सरकारी कार्मिक बन पाया है। - नारायण सोलंकी ग्रामीण, रामदेव नगर
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