संवाददाता जोधपुर जोधपुर। शेरगढ़ ब्लॉक के चाबा ग्राम पंचायत के शहीद दमाराम राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में चल रहे सात दिवसीय गैर आवासीय रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण में शिक्षक- शिक्षिकाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए जा रहे हैं। व्यवस्थापक दिलीप कुमार मीना ने बताया कि आत्मरक्षा प्रशिक्षण एक जीवन कौशल है जो लड़कियों को अपने परिवेश के बारे में अधिक जागरूक होने और किसी भी समय अप्रत्याशित के लिए तैयार रहने में मदद करता है। आत्मरक्षा प्रशिक्षण के माध्यम से, लड़कियों को संकट के समय अपनी रक्षा करने के लिए मनोवैज्ञानिक, बौद्धिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनना सिखाया जाता है। आत्मरक्षा प्रशिक्षण तकनीकें लड़कियों में आत्मविश्वास पैदा करती हैं और लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने में मदद करती हैं, विशेष रूप से उच्च प्राथमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर। साथ ही मीना ने कहा कि संकट काल में खुद की सुरक्षा बिना आत्मविश्वास के नहीं की जा सकती। आत्मरक्षा के सभी उपायों के प्रभावी ढंग से इस्तेमाल के लिए आत्मविश्वास सबसे जरूरी है। आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर का उद्देश्य बालिकाओं को सशक्त व सबल बनाना है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा बालिकाओं को सशक्त एवं सबल बनाने के लिए हर स्तर पर भरपूर सहयोग प्रदान किया जा रहा हैं। ताकि विषम परिस्थितियों में अपनी एवं समुदाय में शामिल अन्य बालिकाओं, महिलाओं की जरूरत पड़ने पर हर संभव मदद रक्षा कर सकें। आत्मरक्षा प्रशिक्षण उसी प्रक्रिया का एक अहम हिस्सा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बालिकाओं एवं महिलाओं के साथ नित्य प्रतिदिन हिंसा, छेड़छाड़, लूट-पाट ,दुष्कर्म आदि की अनेकानेक घटनाएं घटित हो रही हैं। आत्मरक्षा प्रशिक्षण बालिकाओं को इन सब से अपनी सुरक्षा करने में सक्षम बनाएगा। प्रशिक्षक बबीता कनवाडिया, पूनम, रोशनी, रेणु ने पंच, किक, अटैक और डिफेंस आदि के तरीकों का प्रदर्शन कर दुश्मन पर काबू पाने के गुर सिखाए। इसके अलावा लाठी, डंडा, चाकू आदि हथियारों के वार से बचने का तरीका भी समझाया। उन्होंने आपात स्थिति में चाबी, हेयरपिन, पेन, हेयरक्लिक को हथियार के रूप में प्रयोग करने की जानकारी दी। सोमवार को प्रशिक्षण में 75 संभागी उपस्थित रहे। इस दौरान व्यवस्थापक दिलीप कुमार मीणा, जसवंत सिंह राठौड़, दक्ष प्रशिक्षक बबीता, रेणु पूनम, रोशनी व अनूप जोशी, सुमन मेघवाल, अनीता वर्मा, मनीष कुमारी, मुन्नालाल गुर्जर, रामूराम चौधरी, अजीत सिंह, रामराज मीणा, शिवराज सिंह बैसला, भूराराम, दलपत सिंह, धर्मेश्वरी शर्मा, सोनल दाधीच, गजरो सहित अनेकों शिक्षक शिक्षिकाएं मौजूद रहें।
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