हिंदुस्तान की सभ्यता और संस्कृति बेहद अनूठी और बेमिसाल : जैनब बानू, हनिफिया बालिका आवासीय मदरसे में अशफाक उल्ला खां को खैराज ए अकीदत पेश की गई।
हिंदुस्तान की सभ्यता और संस्कृति बेहद अनूठी और बेमिसाल : जैनब बानू, हनिफिया बालिका आवासीय मदरसे में अशफाक उल्ला खां को खैराज ए अकीदत पेश की गई।
टाइम्स ऑफ डेजर्ट
संवाददाता बाड़मेर
बाड़मेर । भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देने वाले अशफाक उल्ला खां को उनकी जयंती पर बाड़मेर के दूर दराज इलाके में संचालित आदर्श मदरसा हनिफिया उच्च प्राथमिक बालिका आवासीय विद्यालय गुड़ा नगर में याद कर सलामी पेश की गई। इस दौरान मदरसे की बच्चियों ने खैराज ए अकीदत पेश करते हुए मुल्क की खुशहाली और सांप्रदायिक सौहार्द की दुआएं की। कार्यक्रम का आयोजन हनिफिया मदरसा द्वारा थार मुस्लिम एजुकेशन वेलफेयर सोसायटी के सहयोग से आयोजित हुआ।
इस दौरान विद्यालय के प्रधानाचार्य मांगीलाल विश्नोई ने शहीद ए वतन स्वतंत्रता सैनानी अशफाक उल्ला खान खां की जीवनी व पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए बताया कि अशफाक उल्ला खां के लिए मंदिर और मस्जिद एक समान थे। वह मंदिर और मस्जिद को मालिक की इबादत करने के लिए पवित्र स्थल मानते हुए दोनों के प्रति समान श्रद्धा रखते थे। काबिल-ए-गौर है कि उन्हें रामप्रसाद बिस्मिल से बड़ा प्रेम था। जिनके साथ मिलकर काकोरी ट्रेन को अंजाम दिया और हंसते हंसते शहीद हो गए। इस दौरान मदरसे की अध्यक्षा जैनब बानू ने कहा कि भारत ऐसा देश है, जहां जाति-धर्म से परे मानवीयता को महत्व दिया जाता है। हिंदुस्तान की सभ्यता और संस्कृति बेहद अनूठी और बेमिसाल है, जो सभी को समान समझते हुए सर्वधर्म समभाव का संदेश देती है।
इस दौरान हनिफिया आवासीय मदरसा की बालिकाओं ने शहीद ए वतन अशफाक उल्ला खान को खैराज ए अकीदत पेश करते हुए सलामी पेश की। इस दौरान विद्यालय की अध्यापिका फयीजा बानू, आयशा बानू, अफसाना बानू, हसीना बानू इत्यादि मौजूद रही।
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