संवाददाता बाड़मेर बाड़मेर। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का शुभारम्भ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सी एस गजराज के निर्देशन में सेन्ट्रल एकेडमी एवं प्रशिक्षण केन्द्र बाड़मेर में बच्चो को कृमि नाशक दवा खिलाकर किया गया। सीएम्एचओ डॉ गजराज ने बताया की बच्चों के शारीरिक विकास, हीमोग्लोबिन स्तर, पोषण एवं बौद्धिक विकास के लिए उन्हें कृमि संक्रमण से बचाने को लेकर जिले में जिले में चार सितंबर को कृमि मुक्ति दिवस आयोजित किया गया। इस दौरान एक से 19 साल तक की उम्र के लक्षित बच्चों, किशोर-किशोरियों को कृमि नाशक दवा खिलाई जाएगी। पेट में कीड़े कृमि से निजात दिलाने वाली यह दवा जिले के सभी विद्यालयों, महाविद्यालयों और आंगनबाड़ी केन्द्रों पर निशुल्क उपलब्ध होगी। वंचित बच्चों को 11 सितंबर को मॉपअप दिवस आयोजित कर दवा दी जाएगी। अभियान को सफल बनाने के लिए सोमवार को आशाओ को जिला मुख्यलय पर प्रशिक्षण दिया गया। एडिशनल सीएम्एचओ डॉ हरेंदर भाकर ने बताया कि बच्चों के पेट में कृमि संक्रमण एक आम संक्रमण है, जिस कारण पेट की आंतों में कृमि उत्पन्न होने से शरीर के पोषक तत्वों को वे खा जाते हैं। इस कारण खून की कमी और कुपोषण के साथ ही शारीरिक और मानसिक विकास पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। ऐसे में जरूरी है कि संबंधित सभी विभाग आपसी समन्वय कर शत-प्रतिशत लक्षित बच्चों को कृमि नाशक दवा खिलाना सुनिश्चित करें। लाभार्थी बच्चों को कृमि नाशक दवा खिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं और किसी भी स्तर पर कोई कोताही न बरती जाए। उन्होंने कहा कि यदि अवकाश आदि के चलते दोनों दिवस पर बच्चे दवा से वंचित रह जाते हैं तो आगामी किसी दिवस पर वंचित बच्चों को दवा खिलाई जाए ताकि जिले में एक भी बच्चा दवा से वंचित न रहे। जिला कार्यक्रम समन्वयक राकेश भाटी ने कार्यक्रम के दौरान बताया कि बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता या भूख नहीं लगती तो यह कृमि की समस्या हो सकती है। इसलिए दवा दी जानी जरूरी है। उन्होंने बताया कि एक से दो साल के बच्चों को आधी गोली चूरा बना कर चम्मच में पानी साथ पिलाई जाएगी, जबकि दो से तीन साल के बच्चों को एक पूरी गोली चूर कर पानी के साथ और तीन से 19 साल के बच्चों व किशोर-किशोरियों को एक पूरी गोली चबा कर पानी के साथ दी जाएगी। बच्चो में कृमि नियंत्रण से खून की कमी में सुधार, बेहतर पोषण स्तर, बोद्धिक विकास में सुधार, कार्यक्षमता में बढ़ोतरी आदि फायदे होते है। बच्चो को दवा व गोली खाली पेट नहीं खानी चाहिए। कार्यक्रम के दोरान डीपीसी राकेश भाटी, प्रिंसिपल जीएनएमटीसी शंकर भवानी, एनओ हुकम सिंह, पीएचएस भगवानचंद, चैलाराम, पीएचएम मूलशंकर दवे, प्रिंसिपल सेन्ट्रल एकेडमी प्रीति कोठारी, विनय दवे, चांदनी सूखानी, आशा सहयोगिनी लहरों, डाई, पुष्पा आदि उपस्थित रहे।
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