सोमवार को भाकृअनुप केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविका नगर टोंक में आयोजित एक दिवसीय आरंभ कार्यक्रम में डॉ. देवाराम पंवार द्वारा तपती रेत के समंदर में विकट परिस्थितियों के बीच दुर्लभ समय के हालातों को लोहा मनवाते हुए ग्रामीण गरीब की गाय, जिसका पालन केवल समय व्यतीत के लिए किया जाता था उसको वैज्ञानिक तरीके से सिख कर व्यवसायिक मॉडल में उतार कर खुद की आर्थिक मजबूती पाते हुए पूरे राजस्थान के युवा किसानों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने, जो युवा पीढ़ी बकरी नाम से घृणा कर रही थी वह आज इन्ही के किए गए कार्य को सिख कर बकरी व्यवसाय की तरफ सैंकड़ों युवा कतार में है।