सोमवार को भाकृअनुप केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविका नगर टोंक में आयोजित एक दिवसीय आरंभ कार्यक्रम में डॉ. देवाराम पंवार द्वारा तपती रेत के समंदर में विकट परिस्थितियों के बीच दुर्लभ समय के हालातों को लोहा मनवाते हुए ग्रामीण गरीब की गाय, जिसका पालन केवल समय व्यतीत के लिए किया जाता था उसको वैज्ञानिक तरीके से सिख कर व्यवसायिक मॉडल में उतार कर खुद की आर्थिक मजबूती पाते हुए पूरे राजस्थान के युवा किसानों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने, जो युवा पीढ़ी बकरी नाम से घृणा कर रही थी वह आज इन्ही के किए गए कार्य को सिख कर बकरी व्यवसाय की तरफ सैंकड़ों युवा कतार में है।
टाइम्स ऑफ डेजर्ट
शौकत सोलंकी
बायतु । स्मार्ट तरीके से पशुधन विकास एवं बकरी के प्रत्येक उत्पाद का सदुपयोग हो उसके लिए प्रयासरत हैं ताकि अन्य किसानो की आमदनी दुगुनी करने मे योग्दान दे सके इसी के उपलक्ष में राष्ट्रीय पशुधन मिशन पशुपालन मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त सचिव डॉ. ओ पी चौधरी, पशुपालन विभाग राजस्थान के निदेशक डॉ भवानीसिंह राठौड़ और केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविका नगर के निदेशक डॉ. अरुण कुमार तोमर, डॉ. विक्रमसिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक आई पी टी एम इकाई आईसीएआर नई दिल्ली, एग्री बिजनेस इनक्यूबेटर सेंटर के प्रधान अन्वेषक वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ विनोद कदम, डॉ अजीत सिंह महिला, केड फाउंडेशन उदयपुर के निदेशक मुकेश सुथार द्वारा बाड़मेर जिले के बाटाडू क्षेत्र के झाक निवासी डॉ. देवाराम पंवार को बकरी पालन में उत्कृष्ट कार्य करने पर प्रशंसा पत्र प्रदान किया।
गोरतलब है की डा. देवाराम राष्ट्रीय पशुधन मिशन में राजस्थान के दूसरे और जिले के प्रथम लाभार्थी है जो अभी बाड़मेर के साथ साथ राजस्थान के भर के युवाओं में बकरी पालन करने की उम्मीदों को पूरा करनें के लिए निशुल्क मार्गदर्शन प्रदान कर रहे है।
इससे पूर्व डा. देवाराम पंवार को समाजिक सरोकारों में अग्रणी भूमिका निभाने और कृषि, पशुपालन में किए जा रहे नवाचारों के लिए राष्ट्र एवं राज्य के अलग अलग संस्थानों द्वारा उत्साहवर्धन के लिए मान सम्मान एवं प्रस्तति पत्र दे कर भी नवाजा गया है।
टिप्पणियाँ 0