अधिकारियों व नेताओ की कमजोर पैरवी के कारण 20 साल बाद भी नसीब नहीं हो पाया मीठा पानी, ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना बना ऐतिहासिक, आज 1001 दिन हुए पूरे
अधिकारियों व नेताओ की कमजोर पैरवी के कारण 20 साल बाद भी नसीब नहीं हो पाया मीठा पानी, ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना बना ऐतिहासिक, आज 1001 दिन हुए पूरे
टाइम्स ऑफ डेजर्ट
संवाददाता कानु सोलंकी
सिवाना । गत 2003 से लंबित पोकरण फलसुंड बालोतरा सिवाना पेयजल परियोजना का पानी स्थानीय जन नेताओ व उच्च अधिकारियों की कमजोर पैरवी व उदासीन रवैये के कारण कस्बे सहित 101 गाँवो के ग्रामवासियो को आगामी चार महीने तक नसीब नहीं हो पाएगा। इधर सिवाना कस्बे के तहसील कार्यालय के आगे सिवाना संघर्ष समिति के बैनर तले सिवाना ग्रामीणों का चल रहा अनिश्चितकालीन धरना रविवार को 1001 वे दिन भी जारी है। उक्त धरना ने ऐतिहासिक रूप ले लिया है। सिवाना के इतिहास में सबसे लम्बा धरना साबित हुआ है। वैसे देखा जाय तो परियोजना का कार्य वर्ष 2019 में लगभग पूर्ण होने के कगार पर था। केवल दस किमी पाइप लाइन बिछाने व सिवाना में 101 गाँवो के लिए वाटर स्टोरेज निर्माण का कार्य बाकी था। लेकिन वर्तमान सरकार के 5 साल के कार्यकाल में स्थानीय कांग्रेसी नेता जो वर्तमान में बगावती तेवर अपनाए हुए हैं। उन्हों की कमजोरी पैरवी एवं परियोजना से जुड़े उच्च अधिकारियों व ठेकेदारों के उदासिन रवैये के कारण अभी तक आने वाले चार महीने तक परियोजना का पानी क्षेत्र के सिवाना नगरपालिका सहित 101 गाँवो के लगभग ढाई लाख की आबादी को नसीब नही हो पाएगा।
कार्य लगभग पूरा, बेफालतू अटकाया :
इधर गत 2003 से लंबित पोकरण फलसुंड बालोतरा सिवाना पेयजल परियोजना का कार्य पाइप लाइन से लेकर वाटरटेंक निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है। लेकिन स्थानीय नेताओं व सरकार के अधिकारियों ने अभी तक पेयजल आपूर्ति शुरू नही की है। नेताओ के दबाव व चुनाव में राजनीतिक मुद्दा ताजा रखवाने के लिए पेयजल आपूर्ति को राजनीतिक स्वार्थो के कारण अटका रखा है। इधर जलदाय विभाग के अधिकारी उपभोक्ताओं को पानी के भारी भरकम बकाया बिल थमा रही है साथ ही पेयजल कनेक्शन के लिए उपभोक्ताओं से मीटर लगवाने पर बाध्य कर रही है। नतीजन गरीब व पिछड़े वर्गों के लोगो पर इस महंगाई में बिना पर्याप्त पेयजल आपूर्ति के बिल भरना व पीने के लिए मोल पानी मंगवाना मुश्किल हो गया है।
इनका कहना :
"परियोजना का पानी अटका होने के कारण गरीब पिछड़े वर्गों के लोगो को मोल पानी मंगवाने पर मजबूर होना पड़ रहा है। जबकि हम ग्रामीणों का धरना पिछले 1001 दिनों से लगातार जारी है।
- मनोज भन्साली, पार्षद व धरनार्थी सिवाना
"परियोजना का काफी कार्य अभी बाकी है। आगामी 24 मार्च तक कार्य पूरा होने के बाद पेयजल आपूर्ति सम्भव हो पाएगी।
- चतराराम, एक्सईएन, पोकरण फलसुंड सिवाना परियोजना
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