संवाददाता बाड़मेर बाड़मेर। राज्य सरकार द्वादा प्रदेश के चहूंमुखी विकास एवं प्रदेशवासियों की समृद्वि के लिए विजन दस्तावेज-2030 तैयार करने के निर्णय के क्रम में मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र, खान एवं भू-विज्ञान विभाग, रीको लिमिटेड एवं वाणिज्य कर विभाग के संयुक्त तत्वावधान में राजस्थान मिशन 2030 संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र के महाप्रबन्धक सहीराम ने राजस्थान मिशन 2030 की रूपरेखा व विभागीय योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। खान एवं भू-विज्ञान विभाग के खनि अभियन्ता, रीको लिमिटेड के क्षेत्रीय प्रबंधक एवं वाणिज्य कर विभाग के उपायुक्त ने अपने-अपने विभागवार योजनाओं, उपलब्धियों पर प्रस्तुतीकरण दिया। संगोष्ठी में औद्योगिक संघों, व्यापारिक संगठनों, चार्टर्ड अकाउंटेट्स, खनिज, परिवहन, रोजगार आदि से संबद्व हित धारकों द्वारा विभिन्न सुझाव दिये गये। इस अवसर पर सीईटीपी बालोतरा के अध्यक्ष रूपचन्द सालेचा ने बताया कि रीको औद्योगिक क्षेत्र बालोतरा चतुर्थ चरण की इकाईयों के लिए सीईटीपी निर्माण हेतु सरकार द्वारा प्रोजेक्ट लागत पर 75 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाये। बालोतरा लघु उद्योग मण्डल समिति के अध्यक्ष जसवन्त गोगड़ ने सोलर पावर पालिसी के सरलीकरण एवं छूट प्रदान करने, उद्यमी कैलाश कोटड़िया ने सुझाव दिया कि कंपनियों द्वारा लिग्नाईट खनन के दौरान प्रारंभिक चरण में जो मेटेरियल निकलता है उसमें कई अन्य मिनरल्स होते है जो कि दूसरे उद्योगों के कच्चेमाल के रूप में उपयागी होते है इसके लिए कार्य योजना बनाई जाये। उद्यमी दौलत जैन ने सुझाव दिया कि खनिज पट्टे की स्वीकृति एलओआई एवं निरस्तीकरण सबंधित कार्यवाही के अधिकार जिला स्तर पर होने चाहिये। उद्यमी भरत दवे ने मांग की कि रायल्टी को जीएसटी से मुक्त किया जाना चाहिये। उद्यमी गणपतसिंह ने सुझाव दिया कि माईनिंग ऐरिया में डम्पिंग यार्ड हेतु राजकीय भूमि आवंटित की जानी चाहिये। विरेन्द्र कुमार बोथरा ने बताया कि व्यापारी की अकाल मृत्यु हो जाने पर उसके परिवार को व्यापारी राहत कोष से मदद मिलनी चाहिये। उद्यमी शांतिलाल बालड़ ने सुझाव दिया कि बालोतरा में रीको का टेक्सटाईल इण्ड० जोन बनना चाहिये। चाटर्ड लेखाकार अरविन्द सिंघल ने कहा कि व्यापारीगण जो कि माईनिंग बिजनस से सबंधित है उन पर पीएमएफटी एवं रायल्टी पर आरसीएम के अन्तर्गत कर लगाया जाता है, व्यापारी अपने विक्रय पर पहले ही समस्त कर अदा कर देता है उसके उपरांत भी उन पर आरसीएम अन्तर्गत कर वसूला जा रहा है जिससे अनायास ही उसकी कार्यशील पूंजी कर के रूप में ब्लाक हो रही है अतः सभी तरह के आरसीएम टेक्स को समाप्त किया जावे। कार्यक्रम के दौरान उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महाप्रबंधक सहीराम, खनिज विभाग के खनि अभियन्ता भगवानसिंह, एसजीएसटी विभाग के उपायुक्त डा. बिहारीलाल दर्जी, रीको लिमिटेड के क्षेत्रीय प्रबंधक एस.के. कटियार के अतिरिक्त अन्य विभागों व निजी कंपनियों के अधिकारी, उद्यमी, एवं हित धारक उपस्थित रहे।
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